मुख्य समाचारः -
राष्ट्र आज महान स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज कोलकाता में नेताजी की जयंती पराक्रम दिवस का शुभारंभ करेंगे।
प्रधानमंत्री असम के सिवसागर में राज्य के भूमिहीन मूल निवासियों को ज़मीन का पट्टा भी देंगे।
गृहमंत्री अमित शाह शिलाँग में पूर्वोत्तर परिषद की बैठक के पूर्ण सत्र की अध्यक्षता करेंगे।
राष्ट्रीय राजधानी में आज गणतंत्र दिवस की फुल ड्रेस रिहर्सल का आयोजन।
और, म्यांमा, मॉरीशस, मोरक्को और सेशल्स को भारत में निर्मित कोविशील्ड वैक्सीन पहुंचाई गई।
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कोविड महामारी के खिलाफ देश एकजुट होकर लड़ रहा है। आप भी हमारे साथ सुरक्षा और बचाव के तीन आसान एहतियाती उपायों का संकल्प लें।
मास्क पहनें
दो गज दूरी, है जरूरी।
सुरक्षित दूरी बनाए रखें।
हाथ और मुंह साफ रखें।
और अब समाचार विस्तार से-
कृतज्ञ राष्ट्र आज महान स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती को पराक्रम दिवस के रूप में मना रहा है। सुभाष चंद्र बोस का जन्म आज ही के दिन 1897 में ओडिसा के कटक में हुआ था।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती के अवसर पर पश्चिम बंगाल के कोलकाता में पराक्रम दिवस का शुभारंभ करेंगे।
श्री मोदी कोलकाता में राष्ट्रीय पुस्तकालय और विक्टोरिया मैमोरियल में दो समारोहों की अध्यक्षता भी करेंगे।
आज दोपहर कोलकाता पहुंचने के बाद प्रधानमंत्री राष्ट्रीय पुस्तकालय में कलाकार दीर्घा का अवलोकन करेंगे। इसके बाद वे नेताजी पर अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार को संबोधित करेंगे।
नेताजी की 125वीं जयंती के लिए आज से वर्षभर के आयोजन शुरू हो रहे है। सरकार ने हर वर्ष 23 जनवरी को पराक्रम दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। नेताजी की जयंती के लिए प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समिति भी गठित की गई है।
प्रधानमंत्री ने अपने एक उदबोधन में कहा था कि नेताजी के विचार और आदर्श लोगों को मजबूत, आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता से पूर्ण भारत के निर्माण की दिशा में काम करने के लिए प्रेरित करते रहेंगे।
अपने लक्ष्य के प्रति जिस व्यक्ति का इतना साफ विजन था, लक्ष्य को हासिल करने के लिए जो अपना सब कुछ दांव पर लगाने के लिए निकल गया हो, जो सिर्फ और सिर्फ देश के लिए समर्पित हो, ऐसे व्यक्ति को याद करने भर से ही पीढ़ी दर पीढ़ी प्रेरित हो जाती है। मैं नमन करता हूं उन माता-पिता को जिन्होंने नेताजी जैसा सपूत इस देश को दिया।
वर्षभर के आयोजनों के लिए केन्द्रीय संस्कृति मंत्रालय ने कई कार्यक्रमों की योजना बनाई है। शिक्षा मंत्रालय ने देश के पांच विश्वविद्यालयों में नेताजी से संबंधित पीठ स्थापित करने, ऑनलाइन व्याख्यान और वेबिनार आयोजित करने की योजना तैयार की है। सूचना और प्रसारण मंत्रालय का राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम नेताजी के स्वप्न को साकार करने संबंधी एक लघु फिल्म प्रतियोगिता का आयोजन करेगा।
दूरदर्शन और आकाशवाणी से भी नेताजी के जीवन और कालखंड पर चर्चाओं, वृत्तचित्रों और अन्य कार्यक्रमों का प्रसारण होगा। रेल मंत्रालय ने हावड़ा-कालका मेल का नाम बदलकर नेताजी एक्सप्रेस कर दिया है।
महान स्वतंत्रता सेनानी बोस ने अंग्रेजों का शासन समाप्त करने के लिए स्वाधीनता संग्राम के दौरान देशवासियों को एकजुट करने में प्रेरक भूमिका निभाई।
नेताजी ने ही लोगों को मातृभूमि की रक्षा में बलिदान के लिए सदैव तैयार रहने का मंत्र दिया था 'तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा'
मध्य प्रदेश में भी आज पराक्रम दिवस के अवसर पर अनेक कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के सहयोगी रहे दिवंगत गुरबक्श सिंह ढिल्लों के सुपुत्र सर्वजीत सिंह ढिल्लों ने इस अवसर पर नेताजी को याद किया। हमारी संवाददाता की यह रिपोर्ट -
नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वारा गठित आजाद हिंद फौज में कर्नल रहे स्वर्गीय गुरुबख्श सिंह ढिल्लन के सुपुत्र सर्वजीत सिंह ढिल्लन ने नेताजी की जयंती को पराक्रम दिवस के रूप में मनाये जाने के फैसले का स्वागत किया है।
जब हम नेताजी का इतिहास का वर्णन करते हैं या नेताजी का कोई दिन मनाते हैं तो फिर हम सबको ये भी सोचना चाहिए भारतवासियों को राजनीतिक लोगों को भी, जनता को भी कि हम वैसा बनने का प्रयास करें, तभी तो सारे जहां से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा इसको और खूबसूरत हिंदुस्तान हम बना पाएंगे।
कर्नल गुरबक्श सिंह ढिल्लन अपने अंतिम समय में मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले में रह रहे थे, जहाँ उनका समाधि स्थल भी है। पूजा पी. वर्धन, आकाशवाणी समाचार, भोपाल।
केन्द्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस के मार्ग पर चलने का आह्वान किया है। उन्होंने कल नेताजी की जयंती की पूर्व संध्या पर बोस के महान प्रयासों और अभियानों को याद करते हुए कहा कि नेताजी भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को सीमाओं से परे ले गए। उन्होंने प्रत्येक भारतीय की स्वतंत्रता और मर्यादा के लिए अथक प्रयास किये।
श्री सिन्हा ने कहा कि नेताजी की राष्ट्र भक्ति, भारत की राष्ट्रीय चेतना को अनुप्राणित करती रही है और आने वाली पीढि़यां भी इससे प्रेरित होती रहेंगी। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत का निर्माण, नेताजी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
ओडिसा में, कटक में सुभाष चंद्र बोस की जन्मस्थली पर बने संग्रहालय में भी नेताजी की 125वीं जयंती पर विशेष प्रबंध किये गये है। नेताजी के जन्मस्थल पर केन्द्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान और मुख्यमंत्री नवीन पटनायक सहित कई गणमान्य व्यक्ति श्रद्धासुमन अर्पित कर रहे हैं। केन्द्रीय संस्कृति मंत्रालय नेताजी के जन्म स्थान पर 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' के तहत एक विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित कर रहा है।
भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह में आज नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती के सम्मान में 'नेताजी सुभाष चंद्र बोस : द फॉरगॉटन हीरो' फिल्म का प्रदर्शन किया जाएगा। यह फिल्म श्याम बेनेगल ने बनाई है। फिल्म समारोह 16 जनवरी से शुरू हुआ कल सम्पन्न हो रहा है।
प्रधानमंत्री आज असम में शिबसागर जिले में जेरेंगा पाथर का दौरा करेंगे, जहां वे एक लाख छह हजार भूमि पट्टों और आवंटन प्रमाण-पत्रों का वितरण करेंगे। राज्य के मूल निवासियों को पट्टा और आवंटन प्रमाण-पत्र जारी करने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है, ताकि स्थानीय लोगों में सुरक्षा की भावना प्रबल हो। असम में 2016 में भूमिहीन परिवारों की संख्या पौने छह लाख थी। राज्य सरकार ने मई 2016 से अब तक दो लाख 28 हजार भूमि पट्टों और आवंटन प्रमाण-पत्रों का वितरण किया है।
गृहमंत्री अमित शाह आज मेघालय में शिलांग का दौरा करेंगे। इस दौरान वे पूर्वोंत्तर परिषद की 69वीं पूर्ण बैठक की अध्यक्षता करेंगे। मेघालय सरकार ने इसके लिए व्यापक प्रबंध किए हैं। गृहमंत्री के आगमन को देखते हुए सुरक्षा बढाई गयी है। बैठक में पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय में राज्य मंत्री- स्वतंत्र प्रभार और उपाध्यक्ष डॉ0 जितेन्द्र सिंह और पूर्वोत्तर परिषद के सदस्य के रूप में पूर्वोत्तर राज्यों के राज्यपाल और मुख्यमंत्री हिस्सा ले रहे हैं।
दो दिन चलने वाले सत्र में पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय, पूर्वोत्तर परिषद, राज्य सरकारों और केन्द्र के चुनिंदा मंत्रालयों की ओर से कई विकास संबंधी पहल और योजनाओं का ब्योरा भी प्रस्तुत किया जाएगा।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के आयोजन से पहले आज राजपथ पर गणतंत्र दिवस परेड की फुल ड्रेस रिहर्सल होगी। यह रिहर्सल विजय चौक से सुबह नौ बजकर 50 मिनट पर शुरू होगी और नेशनल स्टेडियम तक जाएगी। परेड राजपथ, अमर जवान ज्योति, इंडिया गेट और सी-हेग्जागन होते हुए नेशनल स्टेडियम पहुंचेगी। दिल्ली पुलिस ने परेड के सुचारू संचालन के लिए मार्गों पर व्यापक यातायात प्रबंध किए हैं।
यात्रियों के लिए दिल्ली मेट्रो रेल सेवा रिहर्सल के दौरान सभी मेट्रो स्टेशनों पर उपलब्ध रहेगी। लेकिन केंद्रीय सचिवालय और उद्योग भवन मेट्रो स्टेशनों पर दोपहर 12 बजे तक मेट्रो में चढ़ने या उतरने की अनुमति नहीं होगी। एक रिपोर्ट -
इस वर्ष 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस परेड समारोह का आयोजन कोविड-19 के रोकथाम संबंधी नियमों के तहत होगा। परेड के दौरान होने वाली सभी गतिविधियों में सामाजिक दूरी का ध्यान रखा जाएगा। कोविड महामारी के कारण इस वर्ष परेड वाले मार्ग को छोटा कर दिया गया है। परेड पहले की तरह विजय चौक से शुरू होगी, लेकिन यह लाल किले पर खत्म होने की बजाय नेशनल स्टेडियम तक ही जाएगी। इस प्रकार यह आठ दशमलव दो किलोमीटर की दूरी की तुलना में तीन दशमलव तीन किलोमीटर की ही दूरी तय करेगी। इस वर्ष परेड समारोह में कुल 25 हजार दर्शकों को ही प्रवेश की अनुमति होगी। वहीं पंद्रह वर्ष से कम उम्र के बच्चों और वैसे बुजुर्ग जिन्हें कोई बीमारी है उन्हें प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। आनंद कुमार, आकाशवाणी समाचार, दिल्ली।
विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भारत चरणबद्ध तरीके से अपने सहयोगी देशों को कोविड टीकों की आपूर्ति जारी रखेगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि कई देश भारत से वैक्सीन मंगवाना चाहते हैं क्योंकि भारत वैक्सीन उत्पादन का वैश्विक केंद्र है। उन्होंने बताया कि भारत की पड़ोसी देशों के लिए टीकों की अनुदान सहायता इस महीने की 20 तारीख को शुरू की गई और पहले ही दिन भूटान को डेढ़ लाख और मालदीव को एक लाख टीके भेजे गए। नेपाल को टीकों की 10 लाख खुराक और बांग्लादेश को 20 लाख खुराक की आपूर्ति की गई। कल म्यांमार के लिए 15 लाख, मॉरीशस के लिए एक लाख और सेशेल्स के लिए 50 हजार टीके भेजे गए। मंजूरी मिलने के बाद श्रीलंका और अफगानिस्तान को अनुदान सहायता के रूप में टीकों की आपूर्ति की जाएगी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि देश में विश्व का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान भारत को आत्मनिर्भर बना रहा है। प्रधानमंत्री ने कल वचुर्अल माध्यम से वाराणसी के कोविड टीकाकरण अभियान के लाभार्थियों और स्वास्थ्य कर्मियों से यह बात कही।
दुनिया का सबसे बडा वैक्सीनेशन प्रोग्राम हमारे देश में चल रहा है और इसके पहले दो चरणों में तीस करोड़ देशवासियों को टीका लगाया जा रहा है। आज देश में ऐसी इच्छाशक्ति है कि देश खुद अपनी वैक्सीन बना रहा है। वो भी एक नहीं दो-दो मेड इन इंडिया वैक्सीन। आज देश की तैयारी ऐसी है कि देश के कोने-कोने तक वैक्सीन तेजी से पहुंच रही है और आज दुनिया की इस सबसे बड़ी जरूरत को लेकर भारत पूरी तरह से आत्मनिर्भर है। इतना ही नहीं भारत अनेकों देशों की मदद भी कर रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने टीकाकरण अभियान के पहले चरण में खुद टीके लगवाकर निर्णायक कदम उठाया है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का टीका लगवाने का कदम महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे वे बिना किसी भय के अपना काम कर सकेंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वैक्सीन के आपात उपयोग की अनुमति देना राजनीतिक फैसला नहीं है बल्कि डॉक्टरों और वैज्ञानिकों के साथ कई दौर के विचार-विमर्श के बाद यह फैसला किया गया है।
प्रधानमंत्री ने विपक्षी दलों पर कटाक्ष किया कि अब वैक्सीन आ गई है तो वे इनमें खामियां निकाल रहे हैं।
कोई भी वैक्सीन बनाने के पीछे हमारे वैज्ञानिकों की कड़ी मेहनत होती है और इसकी एक पूरी वैज्ञानिक प्रक्रिया होती है। शुरू में मुझ पे बड़ा प्रेशर आता था। वैक्सीन जल्दी क्यों नहीं आती है, वैक्सीन कब लगाओगे। अब राजनीति में तो इधर की भी बात होती है, उधर की भी बात होती है। तो मैं एक ही जवाब देता था कि भई वैज्ञानिक जो कहेंगे वही हम तो करेंगे। यह हम पॉलिटिकल लोगों का काम नहीं है कि हम तय करें और जैसे ही हमारे सब वैज्ञानिक और उसकी प्रोसेस सब पूरा हो करके आया तो हमने सबसे पहले उन लोगों के लिये सोचा जिनको रोज़मर्रा पेशेन्ट्स से ही काम पड़ता है।
प्रधानमंत्री ने 16 जनवरी को टीकाकरण अभियान की शुरूआत की थी और प्राथमिकता वाले 30 करोड़़ से अधिक अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं को वैक्सीन देने की घोषणा की थी।
इस बीच, देश में अब तक दस लाख 43 हजार पांच सौ से अधिक लोगों को कोविड वैक्सीन दी जा चुकी है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश में टीकाकरण अभियान शुरू होने के छह दिन के अंदर ही 10 लाख से अधिक स्वास्थ्य कर्मियों को कोविड टीके लगाये जा चुके हैं।
उत्तर प्रदेश में कोविड टीकाकरण अभियान केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार चल रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में डॉक्टर राममनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में टीकाकरण प्रक्रिया की समीक्षा की। उन्होंने राज्य में टीकाकरण के प्रबंधों और प्रगति के बारे में जानकारी ली। एक रिपोर्ट -
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि केंद्र सरकार द्वारा जारी वरीयता क्रम के अनुसार वैक्सीन सभी के लिए उपलब्ध हो जाएगा। राज्य में टीकाकरण के लिए एक हजार 527 बूथ बनाए गए हैं जहां पर कल स्वास्थ्यकर्मियों को टीके की खुराक दी गई। अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि राज्य में कोरोना टीकाकरण का कार्य प्रत्येक बृहस्पतिवार और शुक्रवार को आयोजित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि पिछले 24 घंटों के दौरान प्रदेश में कोरोना के 370 नए मामले सामने आए, वहीं इस दौरान 484 कोरोना संक्रमित लोग ठीक हो गए। उन्होंने कहा कि राज्य में कोरोना से ठीक होने की दर बढ़कर 97 दशमलव तीन शून्य प्रतिशत हो गई है। अब तक यहां लगभग 5 लाख 82 हजार लोग कोरोना संक्रमण से ठीक हो चुके हैं। एम.एस. यादव, आकाशवाणी समाचार, लखनऊ।
महाराष्ट्र में कल शाम सात बजे तक 21 हजार 610 स्वास्थ्य कर्मियों को कोविड 19 से बचाव के टीके लगाए गए। ब्यौरा हमारी संवाददाता सेः-
महाराष्ट्र में कल 282 केंद्रों पर 21 हजार 610 स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का टीकाकरण किया गया। बीड जिले में सबसे अधिक 151 प्रतिशत टीकाकरण हुआ। वहीं हिंगोली, अमरावती, वर्धा, जालना और उस्मानाबाद जिलों में सौ प्रतिशत टीकाकरण हुआ। स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव डॉक्टर प्रदीप व्यास ने बताया कि राज्य में अब तक कुल 74 हजार लोगों का टीकाकरण किया जा चुका है। इसी बीच, राज्य में कल कोविड-19 के 2 हज़ार 779 नए मामले दर्ज हुए, जिससे कुल मरीजों की संख्या 20 लाख 3 हजार 657 हो गई। वहीं 50 मरीजों की मृत्यु के साथ कुल मृतकों की संख्या 50 हजार 684 हो गई। दूसरी ओर 3 हजार 419 मरीजों को स्वस्थ होने पर कल घर भेज दिया गया, जिससे स्वस्थ होने वाले मरीजों की संख्या 19 लाख 6 हजार 827 हो गई। माधुरी पांगे, आकाशवाणी समाचार, मुंबई।
बिहार में जनवरी से 16 से अब तक 63 हजार 32 स्वास्थ्य कर्मियों को कोविड-19 के टीके लगाए जा चुके हैं। स्वास्थ मंत्री मंगल पाण्डेय ने बताया कि कोविड टीकाकरण केंद्रों की संख्या तीन हजार से दोगुना बढ़ाकर छह हजार कर दी गई है। उन्होंने कहा कि टीकाकरण अभियान राज्य के 38 जिलों में से दरभंगा, मधुबनी और समस्तीपुर सहित 19 जिलों में सोमवार और बृहस्पतिवार को चलाया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्री ने लोगों से बिना झिझक अपनी सुरक्षा के लिए टीका लगवाने की अपील की।
केन्द्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में कोविड टीकाकरण सामान्य रूप से चल रहा है और टीके के किसी प्रतिकूल प्रभाव का कोई मामला सामने नहीं आया है।
आकाशवाणी के जम्मू-संवाददाता ने बताया कि जम्मू और कश्मीर दोनों संभागों में टीकाकरण प्रक्रिया जारी है और किसी भी व्यक्ति को टीका लगने के बाद अस्पताल में भर्ती नहीं कराया गया है और न ही एलर्जी या कोई अन्य प्रतिक्रिया देखी गई है। कल जम्मू कश्मीर में लगभग तीन हजार स्वास्थ्य कर्मियों को टीका लगाया गया। केन्द्र शासित प्रदेश में अब तक दस हजार लोगों को कोविड वैक्सीन का टीका दिया गया है।
देश में कोविड से स्वस्थ होने की दर 96 दशमलव सात-आठ प्रतिशत हो गई है। अब तक एक करोड़ दो लाख से अधिक रोगी स्वस्थ हो चुके हैं। देश में एक लाख 88 हजार से अधिक मरीजों का इलाज चल रहा है, जो कुल संक्रमित लोगों का केवल एक दशमलव सात-आठ प्रतिशत है।
कुल संक्रमित लोगों की संख्या एक करोड छह लाख 25 हजार से अधिक हो गई। अब तक कोविड से एक लाख 53 हजार 32 लोगों की मृत्यु हो चुकी है।
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के अनुसार अब तक 19 करोड़ से अधिक कोरोना जांच की जा चुकी हैं।
लद्दाख में आठ महीनों में पहली बार कोविड से किसी भी व्यक्ति के संक्रमण होने की पुष्टि नहीं हुई है। कोविड संक्रमण और नियंत्रण के बारे में मीडिया को कल जारी बुलेटिन में कहा गया है कि कोरोना के 403 नमूनों की जांच की गई और सभी नमूने निगेटिव पाए गए। एक रिपोर्ट -
लद्दाख में आठ महीने बाद कल कोरोना का कोई भी नया मामला सामने नहीं आया। इससे पहले मई 2020 में कुछ समय के लिए यह क्षेत्र कोविड संक्रमण से मुक्त हुआ था। करगिल जिले के बाद अब लेह में भी कोविड संक्रमण पर बेहतर नियंत्रण पा लिया गया है। जहां कल कोविड का कोई भी संक्रमित मरीज नहीं मिला। कोविड की विभिन्न प्रयोगशालाओं में कोरोना के करीब 403 नमूने जांच के लिए भेजे गए, लेकिन सभी की रिपोर्ट नेगेटिव रही। पिछले 24 घंटों में कोविड के पांच मरीजों को छुट्टी दे दी गई है। इस समय केंद्रशासित प्रदेश में मात्र 68 संक्रमित मरीज हैं। लेह-लद्दाख से यांगचान डोलमा की रिपोर्ट के साथ समाचार कक्ष से चंद्रशेखर शर्मा।
गुजरात में कोविड के नए रोगियों की संख्या में लगातार कमी आ रही है। राज्य में कोविड से स्वस्थ होने की दर बढकर 96 दशमलव दो-आठ प्रतिशत हो गई है। हमारे संवाददाता ने बताया है कि राज्य में कोविड टीकाकरण अभियान सुचारू रूप से चल रहा है।
गुजरात में कल 11 हज़ार 352 लोगों को कोविड के टीके लगाए गए। इसके साथ ही राज्य में अब तक 47 हजार 203 लोगों को टीके लगाए जा चुके हैं। इस बीच गुजरात में पिछले 24 घंटों में कोविड-19 संक्रमण के 451 नए मामले सामने आये। राज्य में अब तक संक्रमण के 2 लाख 57 हजार 964 मामले सामने आ चुके हैं, जिसमें से 2 लाख 48 हजार 650 मरीज ठीक हो चुके हैं। कल सात सौ मरीजों के ठीक होने के साथ अस्पतालों से छुट्टी दी गई। संक्रमण के 91 नए मामले अहमदाबाद में दर्ज हुए, जबकि सूरत में 96 नये मामले सामने आये। राज्य में इस वक्त 5 हजार 240 सक्रिय मामले हैं, जिसमें से 51 मरीजों को वेंटीलेटर पर रखा गया है। योगेश पंड्या, आकाशवाणी समाचार, अहमदाबाद।
केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच कल नई दिल्ली में ग्यारहवें दौर की वार्ता भी बेनतीजा रही। बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि तीनों कृषि कानूनों में वैसे तो कोई समस्या नहीं है, लेकिन सरकार ने किसान संगठनों के सामने प्रस्ताव रखा था कि एक से डेढ़ साल के लिए तीनों कानूनों के क्रियान्वयन को स्थगित रखने का प्रस्ताव दिया था।
सरकार ने कहा था कि इस बीच किसान संगठनों और सरकार के प्रतिनिधि आंदोलन से जुड़े सभी मुद्दों पर चर्चा कर सकते हैं ताकि इसका उचित समाधान निकाला जा सके।
11वें दौर की वार्ता के दौरान जब किसान यूनियन की तरफ से यह कहा गया कि हम तो पुराने प्रस्ताव पर विचार करके उनपर सहमत नहीं हो सके और हम रिपीली चाहते हैं जबकि भारत सरकार ने हमेशा यह बात कही कि रिपिल के अतिरिक्त कोई विकल्प हो तो बताओ। लेकिन उन्होंने कहा कि हमारी यही मांग है, तो हमने कहा कि जो प्रस्ताव आपको दिया है एक से डेढ़ बरस तक कानून को स्थगित रख के समिति बनाकर आंदोलन में उठाये गये मुद्दों और पहलुओं पर विचार-विमर्श करके, रिकमेन्डेशन करने के लिये वह प्रस्ताव हमारा बेहतर प्रस्ताव है। उस प्रस्ताव पर आप पुनर्विचार करें। वह प्रस्ताव किसानों के हित में भी है, देश के हित में भी है।
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने भारतीय रेलवे के इतिहास में एक नया रिकॉर्ड बनाया है। रेलवे ने कल सबसे लंबी मालगाडी चलाई। ब्यौरा हमारे संवाददाता से -
कल छत्तीसगढ़ के रायपुर रेल मंडल के भिलाई डी केबिन से बिलासपुर मण्डल के कोरबा तक देश की सबसे लंबी मालगाड़ी चलाई गई। इस मालगाड़ी की कुल लंबाई करीब साढ़े तीन किलोमीटर थी और इसमें 300 वैगनों को जोड़ा गया था। इस ट्रेन को वासुकी नाम दिया गया है। इसके पहले बीती उनतीस जून को तीन लोडेड मालगाड़ियों को एक साथ जोड़कर लॉन्ग हॉल सुपर एनाकोंडा गाड़ी चलाई गई थी। लॉन्ग हॉल रैक के परिचालन से क्रू-स्टाफ की बचत तो होती ही है, रेलवे ट्रैक का सही इस्तेमाल और उपभोक्ताओं को त्वरित डिलीवरी भी प्राप्त होती है। वैसे पांच रैक चलाने में पांच लोको पायलट, पांच सहायक लोको पायलट और पांच गार्ड की आवश्यकता पड़ती है। लेकिन, कल चलाई गई वासुकी ट्रेन में केवल एक लोको पायलट, एक सहायक लोको पायलट और एक गार्ड की ही आवश्यकता पड़ी। विकल्प शुक्ला, आकाशवाणी समाचार, रायपुर।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बाला साहेब ठाकरे को उनकी जयंती पर श्रद्धांललि अर्पित की। अपने ट्वीट में श्री मोदी ने कहा कि बालासाहेब हमेशा अपने आदर्शों पर अडिग रहे। प्रधानमंत्री ने कहा कि बाला साहेब ठाकरे लोगों के कल्याण के लिए अथक कार्य करते रहे।
समाचार पत्रों से
अमर उजाला की सुर्खी है - पड़ोसी देशों को मुफ्त टीके भेजने पर अमरीका ने की भारत की तारीफ। कहा, भारत दुनिया का सच्चा दोस्त, कोरोना से लड़ाई में कर रहा मदद। ब्राजील के राष्ट्रपति ने संजीवनी ले जाते हनुमानजी की तस्वीर ट्वीट कर लिखा धन्यवाद भारत।
हिन्दुस्तान एक सर्वेक्षण के हवाले से लिखता है - दुनिया में सबसे ज्यादा 80 फीसदी भारतीय कोविड टीका लगवाने के इच्छुक।
राजस्थान पत्रिका का कहना है - भारत बायोटेक की स्वदेशी कोवैक्सीन के पहले चरण का परीक्षण प्रतिष्ठित मेडिकल जनरल लैंसेट की समीक्षा में पास।
दैनिक भास्कर की टिप्पणी है कोरोना कवच में कर्नाटक और आंध्र प्रदेश शीर्ष पर, पंजाब और दिल्ली पिछड़े।
टीकाकरण के सात दिन शीर्षक से - पत्र लिखता है - भारत सबसे ज्यादा टीके लगाने वाला दुनिया का आठवां देश। एक करोड़ में से 12 लाख 97 हजार से अधिक स्वास्थ्यकर्मियों को टीके लगाए गए।
राष्ट्रीय सहारा का कहना है - प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने टीका लगवा चुके वाराणसी के स्वास्थ्यकर्मियों से किया संवाद। भय मिटाने की कोशिश की।
जनसत्ता की सुर्खी है - कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव पर भिड़े दिग्गज नेता। पार्टी कार्य समिति की बैठक में अध्यक्ष पद का चुनाव कराने की तारीख घोषित करने को लेकर कांग्रेस के दिग्गज नेताओं की कलह सामने आई।